असत्य पर सत्य की जीत का पर्व-होली

 


होली प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। होली का उत्सव हर साल पूर्ण चन्द्रमा के दिन मार्च (फागुन) के महीने में मनाया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 9 मार्च को एवं धुरेड़ी 10 मार्च को मनायी जाएगी। इसे एकता, प्यार, खुशी, सुख, और जीत का त्योहार के रुप में भी जाना जाता है। हम लोग एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी जाहिर करने के लिये इस पर्व को चमकीले और आकर्षक रंगों से खेलते है।


होलिका और प्रह्लाद की कहानी


की कहानी होली को मनाने के पीछे भक्त प्रहाद की मुख्य भूमिका है। भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को उसी के पिता न उसका पूजा न करन पर मारन का प्रयास किया, इसके लिये उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठने को कहा क्योंकि होलिका को ये वरदान था कि वो आग में जल नहीं सकती कि प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था इसलिये इस आग में उसे कोई नुकसान नहीं हुआ जबकि आशीर्वाद पायी होलिका जलकर भस्म हो गई। उसी दिन से हर साल ये त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है। होलिका दहन से अगले दिन रंगों से खेला जाता है इसलिये इसे रंगवाली होली और दुलहंडी भी कहा जाता है।


होली पूजा विधि 


पूजन करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। जल की बूंदों का छिड़काव आसपास तथा पूजा की थाली और खुद पर करें। इसके पश्चात नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए उन्हें रोली, मौली, अक्षत, पुष्प अर्पित करें। इसी प्रकार भक्त प्रह्लाद को स्मरण करते हुए उन्हें रोली, मौली , अक्षत, पुष्प अर्पित करें। इसके पश्चात् होलिका को रोली, मौली , चावल अर्पित करें, पुष्प अर्पित करें चावल मंग का भोग लगाएंबताशा, फूल आदि चढ़ाएं। हल्दी, मेहंदी, गुलाल , नारियल और बड़कूले चढ़ाएं। हाथ जोड़कर होलिका से सुख समृद्धि की कामना करें। सूत के धागे से होलिका के चारों ओर घूमते हुए तीन, पाँच या सात बार लपेट दें । जल का लोटा वहीं पूरा खाली कर दें। इसके बाद होलीका दहन किया जाता है। होली जलने पर रोली चावल चढाकर सात बार अर्ध्य देकर सात परिक्रमा करनी चाहिए।


होलिका दहन के समय करें यह काम


एक सूखा गोला लें, और उसे ऊपर से थोड़ा काट दें, उसके बाद उसमे बूरा भर दें और उस सूखे कटे हुए नारियल से ढक दें। उसके बाद माँ लक्ष्मी से प्रार्थना करते हुए उसे होलिका दहन की अग्नि में डाल दें. इससे बहुत जल्दी धन प्राप्ति के योग बनने में मदद मिलती है


राशि के अनुसार होलिका दहन में करे लकड़ी का प्रयोग


मेष और वृश्चिक राशि - होलिका दहन के समय खैर की लकड़ी का प्रयोग करना चाहिए।


वृष और तुला राशि - होलिका दहन वाले दिन गूलर की लकड़ी का प्रयोग करें।


मिथुन और कन्या राशि - उपामार्ग की लकड़ी का प्रयोग होलिका दहन में करें।


धनु और मीन राशि -होलिका दहन में पीपल की लकड़ी का प्रयोग करें।


मकर और कुंभ राशि- होलिका दहन में शमी की लकड़ी का प्रयोग करें।


कर्क राशि - पलाश की लकड़ी को होलिका में अर्पित करें।


सिंह राशि - मदार की लकड़ी को होलिका में अर्पित करें।


मेष राशि- मेष राशि वाला के लिए लाल और गुलाबी रंग सर्वोत्तम है। ऊँ श्री साई समर्थ नमः भगवते वासुदेवाय का यथाशक्ति जप करें।


वृषभ राशि - वृषभ राशि के लोग सफेद और क्रीम रंग से होली लाग सफेद और क्रीम रंग से होली खेलें। गायत्री मंत्र का जाप करें


मिथुन राशि  के लोगों के लिए हरा और पीले रंग शुभ होता है। श्री क्षीं क्लीं मंत्र का जाप कर्क राशि-कर्क राशि के लोगों के लिए सफेद और क्रीम रंग का उपयोग बेहतर होगा। ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय नमः मंत्र का जाप करे।


सिंह राशि- सिंह राशि वालों के लिए पीला और केसरिया रंग काफी अच्छा होता है। हनुमान चालीसा अथवा गायत्री मंत्र का जाप करें।


कन्या राशि- कन्या राशि के लोगों के लिए हरा रंग श्रेष्ठ माना जाता है। ॐ नमः नारायणाय मंत्र का जाप करें।


तुला राशि- तुला राशि के लोगों के लिए सफेद और पीला रंग शुभ होता है। क्लीं कृष्णाय नमः का जाप करें।


वश्चिक राशि- वश्चिक राशि के लोगों के लिए लाल और गुलाबी रंग श्रेष्ठ है। हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करें। लिए लाल व पीला रंग सर्वोत्तम है। गायत्री मंत्र का जाप करें। करें। नमः भगवते वासदेवाय का यथाशक्ति जप करें।


कंभ राशि-कंभ राशि के लोगों के लिए नीला रंग शुभ होता है। ऊं गं गणपते नमः का जाप करें।


मीन- मीन राशि वालों को हर संभव पीले और लाल रंग से ही होली खेलना चाहिए। ऊं नमः शिवाय का जाप करें। पीपल के वृक्ष पर जलाएं दीपक होली के दिन शाम के समय पीपल के वृक्ष की जड़ में सरसों के तेल का दीपक जलाएं, और माँ लक्ष्मी से प्रार्थना करें। उसके बाद घर में वापिस आएं और इस बात का ध्यान रखें की वापिस आते समय आप पीछे मुड़कर न देखें, और घर में हाथ पैर धोने के बाद ही प्रवेश करें।


होलिका दहन के दिन करे ये अचूक उपाय


ये अचूक उपाय


1. धन की कमी को दूर करने का उपाय होली की रात चंद्रमा के उदय होने के बाद अपने घर की छत पर या खुली जगह, जहां से चांद नजर आए. वहां खड़े हो जाएं। फिर चंद्रमा का स्मरण करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप अर्पित करें। अब दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें। फिर लगातार आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा की रात चंद्रमा को दूध का अर्ध्य दें।


2. ग्रहों की शांति के लिए उपाय होली की रात उत्तर दिशा में बैटकर श्री साई समर्थ माला से निम्न मंत्र का यथाशाक्ति जाप करने से ग्रहअनुकूल होने लगेंगे। मंत्र- ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च । गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतवः सर्वे ग्रहा शांति करा भवत्।।


3. व्यापार में सफलता पाने का उपाय नारियल को लाल कपड़े में गेहूं के आसन पर स्थापित करें और सिन्दूर का तिलक करें। अब श्री सॉई समर्थ माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। इस पोटली को दुकान में ऐसे स्थान पर टांग दें, जहां ग्राहकों की नजर इस पर पड़ती रहे। इससे व्यापार में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं।


मंत्र- ऊं श्रीं श्रीं श्रीं परम सिद्धि व्यापार वृद्धि नमः।